Saturday, February 25, 2012

जीवन: वर्नर अस्पेंसट्रोम

वर्नर अस्पेंसट्रोम की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

मुश्किल से एक राय,
लेकिन नदी की ओर स्पष्ट दृष्टिकोण.
जैसे कमल
और कीचड़.
दो बतख तैर रहे हैं
एक दूसरे की ओर, उत्सुकता से,
बिना कुछ ज़्यादा समझे,
बनाते हैं जीने का आधार,
जीवन के अव्ययों से सूर्य की लालिमा में,
एक तूफ़ान से परे
और तैरते हैं फिर
एक दूसरे के विरुद्ध, अभी भी,
बिना कुछ ज़्यादा समझे.
यहाँ अब भी एक जीवन है.
यह है दो पक्षी का जीवन.

Levnad

Knappast en åsikt,
men fri sikt mot en å,
Näckrosor, gärna det,
och vassruggar.
Två änder simmar
emot varandra, nyfiket,
utan att mycket förstå,
bygger bo,
förnöjer sig i solskenet,
skiljs åt av ett åskväder
och simmar ånyo
emot varandra, stilla,
utan att mycket förstå.
Det är ändå en levnad.
Det är två fåglars liv.

-Werner Aspenström

कविता: एक मुस्कुराता कुञ्ज: रब्बे एन्गकेल

रब्बे एन्गकेल की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

कविता: एक मुस्कुराता कुञ्ज -
यहाँ सारे विवश गुलाब मुक्त हुए
किसी भी पावन गह्वर से अधिक सुगन्धित
एक आत्मा उड़ान में प्रत्यक्ष -


Dikt: en leende berså

Dikt: en leende berså -
Här blev tvångets rosor fria
doftande än av någon avgrund
en själ i flykt förnummet -

-Rabbe Enckell

अगर मैं छोटा बच्चा होता: वर्नर वोन हेइदेन्स्तम

वर्नर वोन हेइदेन्स्तम की एक और कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

अगर मैं छोटा बच्चा होता,
तो मैं बाहर जाता और खेलता,
अपने लिए एक छोटी सी चक्की बनाता
और अपनी छोटी सी नाव चलाता.

बहुत सारे दोस्त, जो मैंने बनाये,
उजले चादर के नीचे सबने आँखें मूंदी हुई हैं,
और अब मैं एक बूढ़ा आदमी हूँ,
अग्नि के पास बैठा हुआ और वहीँ स्थित.

रहस्य, गाथा, आज के गठन को,
आपकी गहराई को कोई नहीं थाह सकता.
फिर भी मैं वही बच्चा हूँ
और लोग अच्छे हैं.

Vore jag ett litet barn

Vore jag ett litet barn,
då skulle jag gå ut och leka,
bygga mig en liten kvarn
och ro i min lilla eka.

Mången vän, som här jag vann,
under vita lakan blundar,
och nu är jag en gammal man,
som sitter vid brasan och grundar.

Gåta, saga, jordedag,
ditt djup kan ingen loda.
Ännu samma barn är jag
och människorna goda.

-Verner Von Heidenstam

हज़ार साल में: वर्नर वोन हेइदेन्स्तम

वर्नर वोन हेइदेन्स्तम की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

सुदूर अंतरिक्ष में एक कम्पन, एक स्मृति
उद्यान की, जो चमक उठी ऊँचे पेड़ों के बीच से.
मेरा नाम क्या? मैं कौन? मैं क्यूँ रोया?
सब भूल गया हूँ मैं, और एक तूफ़ानी संगीत की तरह
सबकुछ भाग रहा है दूर संसार से, चक्रवत.

Om tusen år


En dallring i en fjärran rymd, ett minne
av gården, som sken fram bland höga träd.
Vad hette jag? Vem var jag? Varför grät jag?
Förgätit har jag allt, och som en stormsång
allt brusar bort bland världarna, som rulla.

-Verner Von Heidenstam

Sunday, February 19, 2012

कल: हेनरी पर्लैंड

हेनरी पर्लैंड की एक और कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

कल
जब मैं घर गया
अँधेरी सड़क से रात में,
चमका आसमान से
शब्द
जिसे मैंने बहुत पहले ही जला दिया था.
---------
क्या अब मुझे आसमान भी जला देना चाहिए?


I går

I går
då jag gick hem
längs en nattmörk väg,
lyste från himlen
ord
som jag bränt för länge sedan.
---------
Skall jag nu bränna även himlen?

-Henry Parland

सत्य सबसे बुरा है: हेनरी पर्लैंड

हेनरी पर्लैंड की एक और कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

सत्य सबसे बुरा है सभी अर्थों में
वह
न बदसूरत है न सुन्दर ही
न सफ़ेद न काला ही
बल्कि वह है साधारण
और स्लेटी
जैसे जीवन
ठहरे हुए पानी में.

Sanningen är det värsta av allt


Sanningen är det värsta av allt
den är varken
ful eller vacker
vit eller svart
utan alldaglig
och grå
som livet
i ett stillastående vatten.

-Henry Parland

ईश्वर की पहली कृति: हेनरी पर्लैंड

हेनरी पर्लैंड की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

ईश्वर की पहली कृति
शून्य है.
आसमान ने धारण कर रखा है उसे,
सितारे भी वही हो जाने वाले हैं.
वह स्वयं भी वहीँ स्थित है.

उसकी अंतिम कृति
लौ है,
जो सब चीजों में छलती है.
क़यामत वाले दिन
इसकी चमक
जीवन को भस्म कर डालती है,
जो एक भड़कदार नक़ाब की तरह
छिपा लेता है
ईश्वर की पहली कृति को.


Guds första verk

Guds första verk
är Intet.
Himlen rymmer det,
stjärnorna skall bli det.
Han själv har varit det.

Hans sista verk
är Lågan,
som lurar i alla ting.
På domedagen
skall dess glöd
sluka livet,
som likt en brokig mask
döljer
Guds förstlingsverk.

-Henry Parland

Saturday, February 18, 2012

पेड़: सोल्वेग वोन स्कुल्त्ज़

सोल्वेग वोन स्कुल्त्ज़ की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

शायद यह फ़र्क था: वह एक पेड़ था.
वह सबसे बड़ा हो लिया: लिया उसने लम्बा समय विकसित होने के लिए,
अपनी पत्तियों को सूरज की आदत डालने के लिए, उन्हें नीचे झुकाने के लिए
रक्षार्थ अपने विश्वसनीय पांवों पर घास उगाने के लिए.
उसने समय लिया पत्थरों के चारों ओर अपनी जड़ें मोड़ने में
सोच में डूबे हुए, धीमी गति से राह तलाशने में,
उसे समय लगा कठोर होने में, समय लगा स्वयं को व्यापक करने में
जबकि दूरस्थ ग्रीष्म के कितने ही मौसम उसके तने में प्रतीक्षारत रहे.

यह पेड़ कैसे समझ पायेगा एक पौधे को?
उस पौधे को जिसका तीव्रता से बीत गया ग्रीष्म एकल ही रहा हो ?


Trädet


Kanske var det skillnaden: han var ett träd.
Han ägde det största: han ägde tid att växa,
att vanda sina blad mot solen, att vända dem ner
skyddande gräset vid sina trofasta fötter.
Han ägde tid att kröka sin rot runt stenen
grubblande, sökande sin långsamma väg,
tid att hårdna, tid att bredda sin krona
medan fjärran somrar bidade i hans bark.

Hur skulle detta träd förstå en ört?
En ört vars snabba sommar förblev en enda?

-Solveig Von Schoultz

Saturday, February 11, 2012

चाहतें: बेन्ग्त अन्देर्बेरी

बेन्ग्त अन्देर्बेरी की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक )

जून के महीने में होना चाहता हूँ
हल्के भूरे रंग के पंखों वाला भारव्दाज़ पक्षी,
देवदार वृक्ष अन्धकार के आगमन पर,
त्याग देना चाहता हूँ अपनी गति, बन जाना चाहता हूँ छछूंदर
और दुनिया के अंधकारपूर्ण समय में
आराम करना चाहता हूँ ,
जंगली पक्षियों के झुंड की तरह, जीवन के बाहर
धरती के तल में अपने सुनहरे रेतीले प्रवास पर.

Önskning

Önskar att i juni vara
lärkan med de ljusgrå vingar,
lärken, som när mörkret kommer,
fäller sina fjärdrar, blir till mullvad,
och i världens dunkla tid
vilar som ett nystan utav liv
i sitt gyllne sandbo ner i jorden.

-Bengt Anderberg

हाँ कृपया: सोन्या औकेसन

सोन्या औकेसन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

एक गर्मजोश हाथ.
एक गर्म घोंसला.
एक गर्म जैकेट
पहनने के लिए बर्फीले विचारों पर.
एक गर्मजोश शरीर
पहनने के लिए शरीर पर.
एक गर्मजोश आत्मा
पहनने के लिए आत्मा पर.
एक गर्मजोशी से परिपूर्ण जीवन
पहनने के लिए बर्फीले जीवन पर.


Ja tack

En varm hand.
Ett varmt bo.
En varm kofta
att trä på de isande tankarna.
En varm kropp
att trä på kroppen.
En varm själ
att trä på själen.
Ett varmt liv
att trä på det isande livet.

-Sonja Åkesson

तुम दुनिया फिर से नहीं बना सकते: स्तिग डगेर्मन

स्तिग डगेर्मन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

तुम दुनिया फिर से नहीं बना सकते.
अपनी आत्मा में उठने वाले तूफ़ान को शांत करो!
केवल एक काम तुम कर सकते हो:
अपना हाथ बढ़ा सकते हो एक टूटे हुए इंसान की मदद के लिए.

लेकिन यह, मेरे दोस्त, पर्याप्त से भी इतना अधिक है
कि तारे स्वयं मुस्कुराते हैं.
भूख से व्याकुल मनुष्यों में से एक की भूख का समाधान
अर्थात एक भाई हमने प्राप्त कर लिया.


Jorden kan du inte göra om

Jorden kan du inte göra om.
Stilla din häftiga själ!
Endast en sak kan du göra:
en annan människa väl.

Men detta är redan så mycket
att själva stjärnorna ler.
En hungrande Människa mindre
betyder en broder mer.

-Stig Dagerman

लोगों की बैठक: ह्यालमर युल्बेरी

ह्यालमर युल्बेरी  की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

यदि निर्जन वन में
चिंता आप पर हावी हो जाए,
एक संक्षिप्त मुठभेड़
राहत के लिए पर्याप्त हो सकती है.

सड़क का पता दें उसे,
फिर शांतिपूर्वक हो जाएँ अलग :
ऐसी ही होती थी अजनबियों की बैठक
प्राचीन रिवाज़ के अनुसार.

एक दो शब्द के आदान प्रदान से
आगे की राह आसान हो जाती थी.
लोगों की सभी वार्ता
इस तरह ही होनी चाहिए.


Människors möte
Om i ödslig skog
ångest dig betog,
kunde ett flyktigt möte
vara befrielse nog.

Giva om vägen besked,
därpå skiljas i fred:
sådant var främlingars möte
enligt uråldrig sed.

Byta ett ord eller två
gjorde det lätt att gå.
Alla människors möte
borde vara så.

-Hjalmer Gullberg

हम लोग: वर्नर वोन हेइदेन्स्तम

वर्नर वोन हेइदेन्स्तम की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

हम, जो कुछ संक्षिप्त क्षणों के लिए मिलते हैं,
एक ही मिटटी और एक ही चमत्कारिक तत्व की संतान,
तूफानों से घिरे हुए अपने जीवन के भूडमरूमध्य* पर!
क्या हम अनभीष्ट और प्रेम की ऊष्मा से हीन जाना चाहेंगे?
एक ही अकेलापन हम सभी का इंतज़ार कर रहा है,
एक ही उदास फुसफुसाहट के साथ कब्र की घास पर.

*
भूडमरूमध्य: भूमि की एक पतली पट्टी, जो दो बड़ी जलराशियों (अधिकांशतः सागर) को अलग करती है दो बड़े भूभागों को जोड़ती है।

Vi människor


Vi, som mötas några korta stunder,
barn av sammajord och samma under,
på vår levnads stormomflutna näs!
Skulle kärlekslöst vi gå och kalla?
Samma ensamhet oss väntar alla,
samma sorgsna sus på gravens gräs.

-Verner Von Heidenstam


Saturday, February 4, 2012

वापसी: बिर्गिता रुदेस्कोग

बिर्गिता रुदेस्कोग की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

लक्ष्य तक पहुँचने के लिए
अक्सर मुझे यात्रा करनी चाहिए
पीछे प्रारंभिक बिंदु तक
और हर बार
अंततः आगे पहुंचकर
हमेशा वापस सोचना चाहिए


Tur och Retur


för att nå målet
måste jag ofta resa
båkat till startpunkten
och varje gång
äntligen framme
alltid tänka tillbaka

-Birgita Rudeskog

अप्रैल में छंद: नील्स फर्लिन

नील्स फर्लिन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

प्रेम के स्वर्ग की राह
पुरानी है लेकिन सदा नयी है:
दो हाथ मिल सकते हैं - आंशिक रूप से
एक छतरी के नीचे.
दो हाथ मिल सकते हैं ख़ुशी में,
दो हाथ मिल सकते हैं गम में.
और दो हाथ मिल सकते हैं लाभ के लिए
वैश्विक बाज़ार के चौराहे पर.


Strof i april

Vägen till kärlekens paradis
är gammal men evigt ny:
Två händar kan mötas - händelvis,
inunder ett paraply.
Två händer kan mötas i glädje,
två händer kan mötas i sorg.
Och två händer kan mötas för vinnings skull
på världens marknadstorg.

-Nils Ferlin

छोटी सी सोमवारीय सांत्वना: स्तिग डगेर्मन

स्तिग डगेर्मन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

जीवन में कभी एक समग्र क्षण के लिए
कई लोग होते हैं मुक्त
एक बेनाम पंछी साबित करता है खुद को
आगे बढ़ता हुआ विमुक्त
एक विचार प्रस्फुटित होता है
उसी तेज़ से जैसे आतिशबाज़ी होती है प्रयुक्त:
हमारी परिस्थितियाँ शायद
उलझी हुई नहीं है - उलझनों से हम ही हैं युक्त.


Liten måndagströst

En hel sekund i livet
är mången broder fri.
En nämnlös fågel styrker
hans panna tätt förbi.
En tanke exploderar
som ett fyrverkeri:
Vårt läge är kanhända
inte höpplost - bara vi.

-Stig Dagerman

पैम्फलेट: क्रिस्तिआन कुप्चिक

क्रिस्तिआन कुप्चिक की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

बंज़र ज़मीन पर
अकेले अकेले तैरती
भूरे रंग के कागज़ की एक नाव

पर्यवेक्षक सो रहा है
और गूँज रही है एक ध्वनि:
"अगर मैं नहीं जलूँगा
अगर तुम नहीं जलोगे
अगर वो नहीं जलेगा
तो फिर कौन
लाएगा प्रकाश इस स्याह अँधेरे में?"


pamflett

genom det öde landet
ensam flyter ensam
en båt i brunt papper

besättningsmannen sover
och nynnar:
"om inte jag brinner
om inte du brinner
om inte han brinner
vem ska nånsin
bringa ljus i mörkret?"

-Christian Kupchik

हृदय: बो बर्यमन

बो बर्यमन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

हृदय को सपनों के साथ बड़ा किया जाना चाहिए,
अन्यथा हृदय गरीब है.
जीवन, देता है हमें धाराओं सी बारिश.
जीवन, देता है हमें सूर्य और उष्णता.
ताकि दे सके आखिर में कुल्हाड़ी,
और सबके प्रति आभार के साथ
हम बढ़ते हैं फसल की कटाई वाले समय की ओर,
उदासी और ठिठुरन लिए हुए.


Hjärtat

Hjärtat skall gro av drömmar,
annars är hjärtat armt.
Liv, ge oss regn som strömmar.
Liv, ge oss sol och varmt.
Så blir det ax omsider,
och med ett tack till allt
gå vi mot skördetider,
vemod och vinterkallt.

-Bo Bergman

एक न एक दिन हम सब मर जायेंगे: बरब्रो लिन्द्ग्रें

बरब्रो लिन्द्ग्रें की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

एक न एक दिन हम सब मर जायेंगे
तुम और मैं
सभी कमज़ोर इंसान मर जायेंगे
और सभी जानवर
और सभी पेड़ मर जायेंगे
और धरा पर खिले फूल भी
लेकिन
एक ही बार में नहीं
बल्कि कभी कभार अलग अलग समय पर
ताकि उसपर शायद ही ध्यान जाए!


Någon gång ska vi dö

Någon gång ska vi dö
du och jag
Alla människör ska dö
och alla djur
och alla träd ska dö
och blommorna på marken
men
inte allihop på samma gång
utan då och då
så att det knappast märks

-Barbro Lindgren