Saturday, February 11, 2012

हाँ कृपया: सोन्या औकेसन

सोन्या औकेसन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)

एक गर्मजोश हाथ.
एक गर्म घोंसला.
एक गर्म जैकेट
पहनने के लिए बर्फीले विचारों पर.
एक गर्मजोश शरीर
पहनने के लिए शरीर पर.
एक गर्मजोश आत्मा
पहनने के लिए आत्मा पर.
एक गर्मजोशी से परिपूर्ण जीवन
पहनने के लिए बर्फीले जीवन पर.


Ja tack

En varm hand.
Ett varmt bo.
En varm kofta
att trä på de isande tankarna.
En varm kropp
att trä på kroppen.
En varm själ
att trä på själen.
Ett varmt liv
att trä på det isande livet.

-Sonja Åkesson

1 comment:

  1. थोड़े से शब्दों में बहुत गहरी कविता ... धन्यवाद अनुपमा इन कविताओं से परिचय करवाने का आप को :-)

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