Saturday, February 11, 2012

चाहतें: बेन्ग्त अन्देर्बेरी

बेन्ग्त अन्देर्बेरी की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक )

जून के महीने में होना चाहता हूँ
हल्के भूरे रंग के पंखों वाला भारव्दाज़ पक्षी,
देवदार वृक्ष अन्धकार के आगमन पर,
त्याग देना चाहता हूँ अपनी गति, बन जाना चाहता हूँ छछूंदर
और दुनिया के अंधकारपूर्ण समय में
आराम करना चाहता हूँ ,
जंगली पक्षियों के झुंड की तरह, जीवन के बाहर
धरती के तल में अपने सुनहरे रेतीले प्रवास पर.

Önskning

Önskar att i juni vara
lärkan med de ljusgrå vingar,
lärken, som när mörkret kommer,
fäller sina fjärdrar, blir till mullvad,
och i världens dunkla tid
vilar som ett nystan utav liv
i sitt gyllne sandbo ner i jorden.

-Bengt Anderberg

4 comments:

  1. बहुत-बहुत आभार अनुपमा जी, आप इतनी बेहतरीन स्वीडिश कविताओं से हमें रूबरू करवा रही हैं.
    एक प्रार्थना है, ऊपर कविता का शीर्षक और कवि का नाम हिन्दी में दें, फिर हिन्दी अनुवाद और सबसे नीचे मूल स्वीडिश पाठ. मेरे विचार से यह क्रम ठीक रहेगा.

    ReplyDelete
  2. ठीक है, अब से ऐसा ही करेंगे!
    सभी पोस्ट्स को आपके कथनानुसार modify भी कर देंगे!
    आभार आपका!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाँ अब बेहतर है, बहुत-बहुत धन्यवाद !!

      Delete
  3. बहुत महत्वपूर्ण काम ब्लॉग के ज़रिये.

    ReplyDelete