Monday, July 2, 2012

विषय: स्तिग योहानसन

स्तिग योहानसन की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक) 


हमने बात की जीवन के बारे में, तुम्हारे और अपने जीवन के बारे में.
जब सब कह लिया गया
          अथवा जब और कुछ नहीं कहा जा सकता था
मुड़े हम थोड़ा शब्दों पर.

तुमने कहा कुछ सुन्दर,
                         मैंने किया परिहास.

इससे ज्यादा आगे नहीं जा सकता इंसान.
 

 Ämnet

Vi talade om livet, ditt och mitt.
När allt var sagt
           eller inget mer kunde sägas
vände vi lite på orden.

Du sade något vackert,
                              jag en lustighet.

Mycket längre än så kan man inte komma.

-Stig Johansson

1 comment:

  1. जिंदगी खुद भी अपने आप में मजाक है ,,,भावपूर्ण पंक्तियों को पढ़ने पर आया तुच्छ विचार.शुक्रिया

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