वर्नर अस्पेंसट्रोम की एक कविता
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)
सूर्यास्त से ठीक पहले स्पंदित होते हैं पेड़,
हवा से नहीं, बल्कि एक दूसरे के प्रति प्रेम के वशीभूत हो.
रॉबिन पक्षी गाते हैं गीत की मृत्यु को.
कोई नहीं जानता कितने लम्बे समय तक रहती है रात.
Före solnedgången
Strax före solnedgången skälver träden,
inte av vind, men av kärlek till varandra.
Trastarna sjunger sångens död.
ingen vet hur länge natten varar.
-Werner Aspenström
(अनुवाद: अनुपमा पाठक)
सूर्यास्त से ठीक पहले स्पंदित होते हैं पेड़,
हवा से नहीं, बल्कि एक दूसरे के प्रति प्रेम के वशीभूत हो.
रॉबिन पक्षी गाते हैं गीत की मृत्यु को.
कोई नहीं जानता कितने लम्बे समय तक रहती है रात.
Före solnedgången
Strax före solnedgången skälver träden,
inte av vind, men av kärlek till varandra.
Trastarna sjunger sångens död.
ingen vet hur länge natten varar.
-Werner Aspenström
प्रेम...
ReplyDeleteपैदा करता है स्पंदन...
सहेजता है जन्म और मृत्यु को...
सींचता है रात को तब तक...
जब तक दिन फिर से खेलने को तैयार ना हो जाये...